Instagram New Update: इंस्टाग्राम यूज़र्स के लिए एक बड़ा बदलाव आज से लागू हो गया है। अब प्लेटफॉर्म पर मनमानी या भड़काऊ सामग्री शेयर करना भारी पड़ सकता है। सरकार और साइबर सिक्योरिटी एजेंसियों के सहयोग से इंस्टाग्राम ने 10 नए नियम लागू किए हैं, जिनमें से कुछ नियम सीधे तौर पर जेल और जुर्माने से जुड़े हैं। इसका मकसद सोशल मीडिया पर बढ़ती गुमराह करने वाली पोस्ट, फर्जी खबरें और अश्लीलता को रोकना है। इन नियमों के अनुसार, अब यदि कोई यूज़र किसी व्यक्ति, धर्म या समुदाय को बदनाम करने वाली पोस्ट करता है, तो उस पर सीधी कार्रवाई होगी। यह कदम सोशल मीडिया की शुद्धता और समाज की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
फेक न्यूज पर कड़ी कार्रवाई
अब इंस्टाग्राम पर फेक न्यूज फैलाना सिर्फ एक छोटी सी गलती नहीं मानी जाएगी, बल्कि इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है। खासकर राजनीतिक, धार्मिक या सामाजिक संवेदनाओं से जुड़ी झूठी खबरें पोस्ट या शेयर करना अब गंभीर अपराध माना जाएगा। इसके लिए साइबर सेल सक्रिय रूप से निगरानी कर रही है और खास कीवर्ड्स पर नजर रखी जा रही है। यूज़र्स को सलाह दी गई है कि वे किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच जरूर करें। यदि कोई बार-बार ऐसा करता है, तो उस पर जुर्माने के साथ-साथ तीन साल तक की जेल भी हो सकती है। यह नियम समाज में अफवाहों और नफरत को रोकने के लिए जरूरी समझा गया है।
निजी डेटा की सुरक्षा अहम
इंस्टाग्राम पर अब यूज़र्स के निजी डेटा को लेकर पहले से ज्यादा सख्ती बरती जाएगी। नए नियमों के तहत यदि कोई व्यक्ति किसी और का फोटो, वीडियो, या निजी जानकारी बिना इजाजत पोस्ट करता है, तो वह दंडनीय अपराध होगा। अब यह केवल अकाउंट ब्लॉक करने का मामला नहीं रहेगा, बल्कि पुलिस और साइबर विभाग इसमें कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं। विशेषकर महिलाओं और बच्चों की जानकारी का गलत उपयोग करने वालों को सजा दी जाएगी। यह फैसला उन बढ़ते मामलों के चलते लिया गया है, जिनमें किसी की निजी जानकारी का दुरुपयोग कर उसे बदनाम किया गया। यह नियम सभी इंस्टाग्राम यूज़र्स के लिए चेतावनी है कि अब सोशल मीडिया पूरी तरह अनियंत्रित नहीं रहा।
बच्चों के लिए विशेष प्रावधान
नए नियमों के तहत 18 साल से कम उम्र के यूज़र्स के इंस्टाग्राम इस्तेमाल पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। अब अगर कोई नाबालिग अश्लील कंटेंट देखता है या शेयर करता है, तो उसके अभिभावकों को सूचना दी जाएगी और ज़रूरत पड़ी तो साइबर कानून के तहत केस भी दर्ज हो सकता है। इंस्टाग्राम की नई पॉलिसी के अनुसार, अब बच्चों के अकाउंट पर गतिविधि ट्रैक की जाएगी और आपत्तिजनक गतिविधि मिलने पर अकाउंट अस्थाई रूप से निलंबित किया जाएगा। सरकार का मानना है कि कम उम्र में बच्चों को अनफिल्टर्ड सोशल मीडिया एक्सेस देना खतरनाक हो सकता है। ये नियम बच्चों की मानसिक और सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं।
ऑनलाइन धमकी पर रोक
इंस्टाग्राम पर अब किसी को धमकाना, गाली देना, या ट्रोल करना सीधे अपराध माना जाएगा। पहले इन मामलों को नजरअंदाज कर दिया जाता था या सिर्फ रिपोर्ट करने तक ही सीमित रखा जाता था, लेकिन अब पुलिस कार्रवाई संभव होगी। यदि कोई यूज़र किसी दूसरे यूज़र को बार-बार परेशान करता है, तो उस पर साइबर बुलिंग का केस बन सकता है। खासकर महिलाओं, पत्रकारों और पब्लिक फिगर्स को इस नियम से राहत मिलेगी। सरकार का मानना है कि ट्रोलिंग अब मनोरंजन नहीं, बल्कि मानसिक उत्पीड़न का माध्यम बन चुकी है। इसलिए इंस्टाग्राम ने इसके खिलाफ सख्त स्टैंड लेते हुए नियमों को अपडेट किया है ताकि सोशल मीडिया को एक सुरक्षित मंच बनाया जा सके।
नकली अकाउंट पर लगेगी लगाम
इंस्टाग्राम पर अब नकली प्रोफाइल बनाकर किसी की पहचान चुराना या झूठे नाम से अकाउंट चलाना दंडनीय अपराध माना जाएगा। अगर कोई व्यक्ति किसी सेलिब्रिटी, नेता या आम नागरिक की पहचान चुराकर भ्रामक पोस्ट करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो सकती है। इस तरह के मामलों में पुलिस अब इंस्टाग्राम के साथ मिलकर यूज़र की डिटेल ट्रेस करेगी और उस पर जुर्माना या जेल दोनों ही लगाए जा सकते हैं। यह नियम इसलिए जरूरी था क्योंकि हाल के वर्षों में फर्जी अकाउंट से धोखाधड़ी और बदनामी के कई मामले सामने आए हैं। अब इस पर सख्ती बरतकर सोशल मीडिया पर भरोसा कायम रखने की कोशिश की जा रही है।
विज्ञापन और प्रचार पर नजर
अब इंस्टाग्राम पर कोई भी ब्रांड, सेलिब्रिटी या यूज़र अगर फर्जी या गुमराह करने वाला प्रचार करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। खासकर हेल्थ प्रोडक्ट्स, निवेश योजनाओं और राजनीतिक प्रचार में झूठे दावे करने वालों पर सख्ती की जाएगी। इंस्टाग्राम की नई नीति के तहत अब विज्ञापन पोस्ट करते समय साफ तौर पर ‘Sponsored’ या ‘Paid Promotion’ लिखा होना अनिवार्य है। यदि कोई व्यक्ति इसे छुपाता है या जानबूझकर गलत जानकारी देता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। यह नियम आम यूज़र्स की सुरक्षा के लिए जरूरी है ताकि वे भ्रामक विज्ञापनों के शिकार न बनें और सोशल मीडिया पारदर्शी बना रहे।
संवेदनशील कंटेंट की निगरानी
अब इंस्टाग्राम पर अश्लील फोटो, वीडियो या भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पहले सिर्फ पोस्ट डिलीट कर दी जाती थी, लेकिन अब अकाउंट ब्लॉक होने के साथ-साथ कानूनी मामला भी बन सकता है। इंस्टाग्राम ने इसके लिए एक नया कंटेंट मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया है जो हर सेकंड लाखों पोस्ट को स्कैन करता है। इसमें ऐसे कीवर्ड, हैशटैग और इमेज फिल्टर शामिल हैं जो अश्लीलता को पहचान सकते हैं। खासकर कम उम्र के यूज़र्स की सुरक्षा के लिए यह कदम जरूरी समझा गया है। अब यह स्पष्ट है कि सोशल मीडिया की आज़ादी का मतलब यह नहीं कि कोई भी कुछ भी पोस्ट कर सके।
रीपोस्ट करने से पहले सोचें
अब इंस्टाग्राम पर किसी और की पोस्ट को रीपोस्ट करने से पहले उसकी वैधता और कंटेंट की जांच करना जरूरी हो गया है। यदि कोई आपत्तिजनक या फेक कंटेंट को बिना जांचे साझा करता है, तो उसे भी उतना ही दोषी माना जाएगा जितना उस पोस्ट को बनाने वाला व्यक्ति। इस नियम का मकसद है कि लोग सोच-समझकर सामग्री शेयर करें और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार न करें। इंस्टाग्राम की टीम अब बार-बार गलत जानकारी रीपोस्ट करने वालों पर विशेष नजर रखेगी। इसके तहत यूज़र को चेतावनी दी जाएगी और ज़रूरत पड़ी तो उनका अकाउंट स्थायी रूप से बंद किया जा सकता है। यह नियम सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए है।
इंस्टाग्राम यूज़र्स को चेतावनी
इंस्टाग्राम के इन नए नियमों के बाद यूज़र्स को अब पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। अब सिर्फ मज़े या वायरल होने के लिए की गई कोई भी गलती महंगी साबित हो सकती है। हर पोस्ट, स्टोरी और कमेंट पर निगरानी रखी जा रही है। अब यह ज़रूरी हो गया है कि हर यूज़र अपने डिजिटल व्यवहार के प्रति जिम्मेदार बने। ये नए नियम इसलिए लाए गए हैं ताकि सोशल मीडिया का उपयोग समाज के लिए सुरक्षित और सकारात्मक बना रहे। अब ऑनलाइन दुनिया में वही नियम लागू होंगे, जो असल दुनिया में होते हैं – सम्मान, कानून और जवाबदेही।
अस्वीकरण
यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जन-जागरूकता के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स, इंस्टाग्राम की पॉलिसी अपडेट्स और संभावित सरकारी निर्देशों पर आधारित है। यह किसी भी प्रकार की कानूनी, तकनीकी या आधिकारिक सलाह का स्थान नहीं लेता। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के नियमों या कानूनों से जुड़ा निर्णय लेने से पहले संबंधित आधिकारिक स्रोत या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। लेखक और प्रकाशक इस लेख के आधार पर लिए गए किसी भी निर्णय या कार्रवाई के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।